सर्दियों में अगर आपका मूड होता है अपसेट तो आपको हो सकती है ये बीमारी
अगर अकसर आपका मन उदास रहता है, कुछ करने का मन नहीं करता, चिडचिड़ापन रहता है, ठीक से नींद नहीं आती, निराशा लगती है, आत्महत्या के ख्याल आने लगे हैं तो आपको तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए।
मौसम बदलने का प्रभाव सिर्फ स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़़ता है। सर्दियों के दिन बहुत से लोग सुस्ती, थकान और रोजमर्रा के कार्यो में रूचि न रख पाना अनुभव करते हैं। इस समस्या को मौसम प्रभावित विकार यानी सैड भी कहते हैं। दरअसल,इसे सर्दियों में होने वाला डिप्रेशन भी कहते हैं क्योंकि सर्दियों में शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन बढ़ जाता है तब लोग इससे ग्रस्त हो जाते हैं। शरीर में दो प्रकार के हार्मोन बनते हैं – मेलाटोनिन और सेलाटोनिन। मेलाटोनिन रात में बढ़ता है और दूसरा सेलाटोनिन जो दिन में बढ़ता है। सर्दियों में दिन छोटे होने के कारण हार्मोन में असंतुलन पैदा हो जाता है साथ ही सूर्य की रोशनी कम मिलती है, इससे शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन्स की मात्रा बढ़ जाती है जिससे डिप्रेशन हो जाता है। डाक्टर रजत दीक्षित के अनुसार के अनुसार इसका एकमात्र इलाज धूप है। इसे नियंत्रित न किया जाए तो बीमारी बढ़ जाती है। यह बीमारी मौसम की वजह से हो जाती है। यह स्थिति आमतौर पर सर्दियां समाप्त होने पर खत्म हो जाती है जब दिन लंबे हो जाते हैं। इसके इलाज के लिए आप डाक्टर से दवा या फिर मशवरा ले सकते हैं।
लक्षण
- लगातार थकान महससू हो और किसी भी काम में मन न लगना।
- विचारों का नेगेटिव हो जाना।
- हर बात में शक करना और कंफयूज रहना।
- नींद ना आना या फिर बहुत ज्यादा नींद का आना।
- लंबे समय तक उदासी और निराशा।
- अधिक खाना।
- वजन बढ़ना।
- चिड़चिड़ापन।
- अकेले रहने का मन करना किसी से भी मिलने और मिक्सअप होने की इच्छा का ना होना।
- चीजों और अपने काम में रूचि कम लेना।
कैसे बचें इस बीमारी से
- संतुलित और पौष्टिक भोजन लें।
- पर्याप्त आराम करें 6 से 8 घंटे की नींद लेना।
- तनाव से बचें।
- नए काम में मन लगाएं।
- एक्सरसाइज करें।
- ताजी हवा में सैर करें।
- जल्दी उठें।
- दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच रहें।
- विटामिन डी इन दिनों जरूर लें मतलब धूप में बैठे।
- बंद कमरे में हीटर चलाकर सोने से बचें।
डाक्टर के पास कब जाएं
अकसर यह समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि डाक्टर के पास कब जाएं। थोड़ी बहुत उदासी और निराशा तो हमें अपनी डेली लाइफ में किसी न किसी विपरीत परिस्थिति के चलते हो ही जाती है लेकिन अगर अकसर आपका मन उदास रहता है, कुछ करने का मन नहीं करता,चिडचिड़ापन रहता है, ठीक से नींद नहीं आती, निराशा लगती है, आत्महत्या के ख्याल आने लगे हैं तो यह परेशानी की बात है और आपको तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए।