अगर आप भी खर्राटों से हैं परेशान तो करें ये योगासन

कैसे मिले आपको 8 घंटे की अच्छी नींद और अच्छी इम्यूनिटी जानें स्वामी रामदेव से।

कुछ लोगों की नींद खर्राटों की वजह से पूरी नहीं हो पाती है। इससे अपनी तो नींद खराब होती ही है कई बार घरवालों की नींद भी उड़ जाती है। अगर आपको भी खर्राटे आते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि खर्राटे लेने वालों की नींद नहीं पूरी होती है और उनकी इम्यूनिटी भी वीक हो जाती है। कैसे मिले आपको 8 घंटे की अच्छी नींद और अच्छी इम्यूनिटी जानें स्वामी रामदेव से।

सिंहासन प्राणायाम

इस आसन को थायराइड के साथ-साथ खर्राटा के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को सामने की ओर फैला के बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ें और उसे बाएं पैर की जांघ पर रख लें और बाएं पैर को मोड़ें और उसे दाएं पैर की जांघ पर रख लें। अब आगे की ओर झुक जाएं और दोनों घुटनों के बल होते हुए अपने हाथों को सीधा करके फर्श पर रख लें। इसके बाद अपने शरीर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर खींचे। अपने मुंह को खोलें और अपने जीभ को मुंह से बाहर की ओर निकालें। नाक से सांस लेते हुए मुंह से आवाज करें। इस आसन को रोजाना 7 से 11 बार करें।

उज्जायी

इस प्राणायाम में आंख बंद करके पद्मासन मुद्रा में बैठें और अपनी रीढ़ को सीधा रखें। समान रूप से श्वास लें। इस आसन में गले से सांस अंदर भरकर ऊं का उच्चारण किया जाता है। मतलब गले की मांशपेशियों को टाइट कर धीरे-धीरे नाक से सांस भरना शुरू करें। सांस भरते समय गले से सांस के घर्षण की आवाज करें। फिर कुछ देर सांस रोकें। इसके बाद सीधे हाथ की प्राणायाम मुद्रा बनाकर दायीं नाक को बंद कर बाईं नाक से धीरे-धीरे सांस बाहर निकाल दें। इस प्राणायाम को 11 बार करें।

कपालभाति

कपालभाति करने के लिए सबसे पहले वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं। अब इसे अपने दोनों घुटनों पर रखें। गहरी सांस अंदर की ओर लें और झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें। ऐसा कुछ मिनट तक लगातार करते रहें। एक बार में इसे 35 से लेकर 100 बार करें।

भस्त्रिका

इसके लिए मैट पर पद्मानस की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें। शरीर झुका और ढीला-ढाला न हो। इसके बाद लंबी लें और फेफड़ें में वायु को भर जाने दें। इसके बाद एकबार में तेज़ी से सांस छोड़ें। इस आसन को एक बार में कम से कम दस बार जरूर करें।

सर्वांगासन

सबसे पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं। फिर अपने पैर, कूल्हे और कमर को उठाएं। सारा भार अपने कन्धों पर ले लें। पीठ को अपने हाथों से सहारा दें ताकि संतुलन न बिगड़े। कोहनियों को जमीन पर टिकाते हुए और हाथों को कमर पर रखते हुए, अपनी कमर और पैरों को सीधा रखें। शरीर का पूरा भार कन्धों व हाथों के ऊपरी हिस्से पर होना लें। पैरों को सीधा रखें। पैरों की उंगलियों को नाक की सीध में ले आएं। लंबी गहरी सांस लें और 30 सेकण्ड तक आसन में रहें।

हलासन

सबसे पहले समतल स्थान पर मैट बिछा लें। अब इस पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को मैट पर रखें।अब धीरे धीरे अपने पैरों को एक सीध में ऊपर उठाएं। फिर कमर के सहारे अपने सिर के पीछे ले जाएं। इसे तब तक सिर के पीछे ले जाएं, जब तक आपके पैर ज़मीन को न छू लें। अब अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रहें। फिर अपनी नार्मल पोजीशन में आ जाएं। इस योग को रोजाना 5 बार जरूर करें।

चक्रासन

मैट पर पीठ के बल लेट जाएं । फिर घुटनों को मोड़ें और एड़ी को जितना हो सके अपने नितंब के पास लाएं। फिर अपने हाथों को उठाकर कानों के किनारे ले आएं। हथेलियों को जमीन पर रखें। अपने पैरों के साथ-साथ हथेलियों का उपयोग करके शरीर को ऊपर की ओर उठाएं । अपने कंधे और के समानांतर पैरों को खोलें । वजन को बराबर बांटते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचे। अपनी क्षमताओं के अनुसार इस मुद्रा में 30 सेकंड तक रहें।

उष्ट्रासन

सबसे पहले योगा मैट पर घुटने के सहारे बैठ जाएं। अपने घुटनों की चौड़ाई कंधों के बराबर रखें और तलवें पूरे फैले हुए आसमान की तरफ रखें। अब अपनी रीढ़ की हड्डी को पीछे की तरफ झुकाते हुए दोनों हाथों को एड़ियों पर टिकाने की कोशिश करें। ध्यान रखें कि इस समय आपकी गर्दन पर अत्यधिक दबाव ना पड़े और कमर से लेकर घुटनों तक का हिस्सा सीधा रहे। इसी स्थिति में 5 से 10 बार गहरी सांस लें और फिर धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।

भुजंगासन

मैट पर पेट के बल लेट जाएं और थोड़ी देर आराम करें। इसके बाद पुश अप मुद्रा में आकर शरीर के अगले हिस्से को उठाएं।इस आसान को अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है। इस मुद्रा में अपनी शारीरिक क्षमता अनुसार रहें। फिर पहली अवस्था में आ जाएं। इसे रोजाना दस बार जरूर करें।

पादवृत्तासन

मैट पर पीठ के बल लेट जाइये। अब शरीर को एकदम सीधा रखें। इसके बाद दाएं पैर को ऊपर उठाएं और पैर को घुटने से सीधा रखें। शून्य की आकृति बनाते हुए पैर को वृत्ताकार एक दिशा में और फिर विपरीत दिशा में 10-10 बार घुमाएं। इसी तरह अभ्यास करते हुए दूसरे पैर से भी करें। दोनों पैरों से कम से कम 15-20 बार क्लॉक वाइस व एंटी क्लॉक घुमाएं। इस आसन को सुबह व शाम में खाली पेट करना है।

अर्ध हलासन

मैट बिछाकर सीधे शवासन की मुद्रा में लेट जाए। दोनों पैरों को एकसाथ जोड़ दे ,और दोनों हथेलियों को अपनी जाँघों पर रख दे। एक लंबी श्वास ले ,और घुटनों को ना मोड़ते हुए ,दोनों पैरों को सामान रूप से ऊपर उठाये।पैरों को 90 डिग्री के कोण में स्थिर रखे और जितनी देर आप इस अवस्था में रुक सकते है ,रुकने का प्रयत्न करे। इस समय श्वास को अपनी शक्ति अनुसार भीतर ही रोक कर रखे। कुछ देर बाद श्वास को छोड़ते हुए पैरों को निचे सामान्य अवस्था में लाये। इस आसन को 3 से 5 बार दोहराये।

सूर्य नमस्कार

इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों को पैरों को मिला लें। इस दौरान अपनी कमर सीधी रखें. अब हाथों को अपने सीने के पास लाएं और प्रणाम करें। फिर अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और सीधा रखें। अब अपने हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की तरफ ले जाएं और अपनी कमर को पीछे की तरफ झुका लें।

अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें। अब आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस मुद्रा में आपका सिर घुटनों से मिल जाएगा। फिर अपने राइट पैर पीछे की ओर ले जाएं। इस पैर का घुटना जमीन से छूना है। इस दौरान दूसरे पैर को मोड़ें। अपनी हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर सिर रखकर सामने की ओर देखें।

इस आसान को करते समय अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा और एक ही लाइन में रखें। इसके बाद पुश-अप करने की अवस्था में आ जाएं। अब अपनी हथेलियों, चेस्ट, घुटनों और पैरों को जमीन से सटाएं। अब इस अवस्था में रहें।

फिर अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें और पेट को जमीन से सटाते हुए गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें। अब कूल्हे को ऊपर की ओर उठा लें।अपने कंधों को सीधा रखें और मुंह को अंदर की तरफ रखें।

फिर अपने राइट पैर पीछे की ओर ले जाएं। ध्यान रहे कि घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब अपने दूसरे पैर को मोड़े और हथेलियों से जमीन को छुएं। सिर को आसमान की ओर रखेंl फिर आगे की ओर झुककर हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस दौरान आपको अपना सिर घुटनों से मिलाना है।

अब प्रणामासन में खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठा लें और सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की ओर ले जाएं अपनी कमर को पीछे की तरफ झुका लें। अंत में आपको फिर से प्रणामासन करना है। ध्यान रहे कि योगाभ्यास अपनी क्षमता अनुसार ही करना है।

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