महिला सशक्तिकरण, अंधविश्वास उन्मूलन पर आधारित है फ़िल्म पंच कृति फ़ाइव एलिमेंट्स

'पंचकृति - फाइव एलिमेंट्स', बुंदेलखंड के चंदेरी शहर में स्थित पांच कहानियों पर आधारित है. फिल्म की खासियत यह भी है कि यह किसी सेट पर नहीं बुंदेलखंड के विभिन्न हिस्सों में फिल्मायी गयी है.

कन्या भ्रूण हत्या , महिला सशक्तिकरण, अंधविश्वास उन्मूलन और पर आधारित फ़िल्म ‘पंच कृति फ़ाइव एलिमेंट्स’ ट्रेलर रिलीज़ के बाद से ही मीडिया में सुर्खियां बटोर रही हैं. ट्रेलर में फ़िल्म के संवाद और कांसेप्ट को इंटरनेट पर दर्शको की भारी प्रतिक्रिया मिल रही रही हैं.फ़िल्म के प्रमोशन के लिए स्टार कास्ट बृजेंद काला बृजेंद काला, सागर वाही , पूर्वा पराग , सारिका भरोलिया के साथ ही निर्देशक संजय भार्गव, फ़िल्म की लेखिका हरिप्रिया भार्गव राजधानी दिल्ली स्थित हैबिटेट सेंटर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया को सम्बोधित किया.

भारत के गांव और छोटे शहरों को कहानियों पर कई फिल्में बनी हैं. लेकिन इनमें से कुछ ही फिल्में ऐसी हैं, जिन्होंने ग्रामीण भारत को सही तरीके से दर्शाया है. ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’, बुंदेलखंड के चंदेरी शहर में स्थित पांच कहानियों पर आधारित है फिल्म की खासियत यह भी है कि यह किसी सेट पर नहीं बुंदेलखंड के विभिन्न हिस्सों में फिल्मायी गयी है. फ़िल्म में प्रमुख किरदारों में बृजेंदर काला, उमेश बाजपेई , सागर वाही , पुरवा पराग , मानी सोनी और रवि चौहान प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आयंगे. यह फ़िल्म कई गंभीर सामजिक मुद्दों की बात करती हैं महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता, अंधविश्वास भूत प्रेत, कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराइयों को ट्रेलर में हाइलाइट किया गया.

निर्देशक संजोय भार्गव ने कहाकि, “फ़िल्म की लोकेशन फ़िल्म की कहानी के पर्दे पर प्रभावशाली तरीक़े से प्रस्तुत करती हैं सेट पर बनी फिल्में कभी सच्ची या ‘रीयल’ नहीं लगतीं. आप जितनी भी कोशिश कर लें पर एक असल जगह को आप सेट पर रीक्रिएट नहीं कर सकते. जब दर्शक किसी शहर या गांव को एक फिल्म में देखें, तो उन्हें लगना चाहिए कि वे खुद वहां पहुंच गए हैं.उस जगह की खुशबू लोगों तक पहुंचनी चाहिए. गांव शहरों से कहीं ज़्यादा खूबसूरत होते हैं, जो सुकून ग्रामीण भारत में मिलता है वह और कहीं नहीं मिलता. ” चंदेरी एक छोटा सा शहर है, जो हमेशा से अपने ऐताहासिक स्तम्भों के लिए जाना गया है. भव्य जैन मंदिरों के अलावा चंदेरी अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. फिल्म में दर्शायी गयी पांचों कहानियां चंदेरी क़स्बे में फिल्मायी गयी हैं.

फ़िल्म की लेखिका और निर्मात्री हरिप्रिया भार्गव बताती हैं, “फिल्म की पांच अलग – अलग कहानियां से दर्शक चंदेरी के विभिन्न रूपों से रूबरू हो पाएंगे. हमारी फिल्म ग्रामीण भारत के अलग – अलग पहलुओं को उजागर करती है। इस छोटे से शहर में बहुत सारी अनोखी चीज़ें हैं, जो एक बार चंदेरी आता है वह कभी इसे भूल नहीं पाता.हमें विश्वास हैकि हम फ़िल्म के माध्यम से कई सामजिक विषय को मनोरंजक के साथ ही मज़बूती के साथ दर्शकों के बीच में रखेगी.

उबन विज़न प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले निर्मित फ़िल्म ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ एक महिला प्रधान फिल्म है जो महिलाओं से जुडी कई समस्याओं को उजागर करती है. यह फ़िल्म भारत के कई महत्वपूर्ण अभियान जैसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के बारे में भी जागरुकता पैदा करती है. सिनेमाघरों में फ़िल्म देखने जाने वाले दर्शकों को हर शो में लकी ड्रॉ में हिस्सा ले कर स्मार्ट टी वी, स्मार्टफोन, साइकल और होम थिएटर सिस्टम जैसे आकर्षक उपहार जीतने का मौका मिलेगा. फ़िल्म 4 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी.

 

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