Sakat Chauth 2022: कल है सकट चौथ व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सकट चौथ का व्रत भगवान गणेश की पूजा-आराधना करते हुए माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सौभाग्य में वृद्धि की कामना करते हुए रखती हैं।

सकट चौथ हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। सकट चौथ को कई नामों से जाना जाता है जैसे- गणेश चौथ, संकष्टी चौथ,संकष्टी चतुर्थी, लंबोदर संकष्टी,माघी चौथ और तिलकुटा। सकट चौथ का व्रत भगवान गणेश की पूजा-आराधना करते हुए माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सौभाग्य में वृद्धि की कामना करते हुए रखती हैं। मान्यता है सकट चौथ का व्रत रखने पर संतान के ऊपर आने वाली सभी बाधाएं भगवान गणेश दूर कर देते हैं। सकट चौथ पर महिलाएं भगवान गणेश की विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हुए अंत में चंद्रमा के दर्शन करते हुए अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती है।

सकट चौथ व्रत तिथि 2022

हर वर्ष सकट चौथ का व्रत माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि 21 जनवरी 2022, दिन शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 51 मिनट से शुरू होकर 22 जनवरी की सुबह 09 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में माताएं संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के बाद रात को चंद्रमा के दर्शन करते हुए अर्ध्य देते हुए पारण करें।

सकट चौथ पर शुभ योग

इस वर्ष सकट चौथ पर दो तरह का शुभ योग बन रहा है जिसमें भगवान गणेश की पूजा करने पर बहुत ही शुभ फल की प्राप्ति होगी। सकट चौथ पर चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और सिद्धि योग में मनाया जाएगा। इसके अलावा ग्रहों के शुभ योग से सौभाग्य नाम का शुभ योग भी बना है। जिस कारण से सकट चौथ का महत्व बढ़ गया है। सकट चौथ शुक्रवार के दिन और शुक्र के नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी के योग से इस दिन माताएं अपने संतान के लिए व्रत रखते हुए उनके सुख की कामना फलदायी होगी।

चंद्रोदय का समय 

चतुर्थी तिथि आरंभ: 21 जनवरी, शुक्रवार, प्रातः 08:51 मिनट से

चतुर्थी तिथि समाप्त: 22 जनवरी, शनिवार, प्रातः 09:14 बजे तक

चंद्रोदय का समय:  21 जनवरी, रात्रि लगभग 9:00 बजे होगा।

इस तरह कीजिए पूजा विधि

प्रात:काल उठकर स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें। फिर भगवान गणेश की पूजा करें।पूजा के वक्त माता लक्ष्मी की भी मूर्ति ज़रूर रखें। दिनभर निर्जला उपवास करें। रात में चाँद को अर्घ्य दें, गणेश जी की पूजा कर फिर फलहार करें। संभव हो तो फलहार में केवल मीठा व्यजंन ही खाए, सेंधा नमक का भी सेवन ना करें। इस दिन की पूजा में गणेश मंत्र का जाप करना बेहद फलदाई बताया गया है। गणेश मंत्र का जाप करते हुए 21 दुर्वा भगवान गणेश को अर्पित करना भी बेहद शुभ होता है। इसके अलावा भगवान गणेश को लड्डू बेहद पसंद होते हैं। ऐसे में इस दिन की पूजा में अन्य भागों के साथ आप बूंदी के लड्डू का भोग लगा सकते हैं। लड्डू के अलावा इस दिन गन्ना, शकरकंद, गुड़, तिल से बनी वस्तुएं, गुड़ से बने हुए लड्डू और घी अर्पित करना बेहद ही शुभ माना जाता है।

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