अगर आप भी करते हैं बच्चे से ऐसी बातें तो सतर्क हो जाएं
एक समझदार अभिभावक को कभी भी बच्चे के सामने अपशब्द नहीं बोलना चाहिए क्योंकि एक समय बाद ये बातें आपके बच्चे को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने लगेंगी।
बच्चों को कच्ची मिट्टी कहा गया है, जिसे जिस तरह ढालो वे ढल जाते हैं । जो आकार देना चाहो वो ले लेते हैं। बच्चे का मन एक कोरा कागज है, जिस पर वही लिखा जाता है जो हम लिखते हैं…इसलिए एक बात आपको अवश्य समझ लेनी चाहिए कि कभी भी अपने बच्चे के सामने या उनसे संबंधित ऐसी कोई बात ना कहें .. ऐसा कोई बर्ताव ना करें जो आगे चलकर ना सिर्फ उनके लिए बल्कि परिवार और समाज के लिए भी घातक साबित हो सकता है।
अकसर देखने को मिलता है कि कभी-कभार अभिभावक नासमझी में अपने बच्चे के सामने कुछ ऐसी बातें कर देते हैं जिसका असर बच्चे के मासूम और अवचेतन मस्तिष्क पर बहुत गहरा पड़ता है। इसलिए इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें बच्चे के सामने कभी भी नहीं कहना चाहिए जैसे-
काश तुम पैदा ही न हुए होते
कई बार माता-पिता गुस्से में या निराशा में अपने बच्चे के सामने ये अपशब्द बोल देते हैं। जोकि सही नहीं है। अगर आपको लगता है कि आत्मसम्मान जैसी बातें केवल बड़ों के लिए ही बनी है तो यहां आप एक भूल कर सकते हैं, क्योंकि आपका ऐसा कहना बच्चे की सेल्फ रिस्पेक्ट हर्ट करता है। वह आपसे मानसिक रूप से दूरी बनानी शुरू कर देता है। यह उनके अवचेतन मन को ठेस पहुंचाता है।
तुमसे अच्छे तो तुम्हारा भाई/बहन है
कभी-कभार माता-पिता अपने ही बच्चों में तुलना करने लगते हैं। अगर उनका कोई एक बच्चा पढ़ाई में तेज है तो दूसरे को हमेशा उसके सामने नकारा दिखाया जाता है। अगर भाई-बहन ना सही तो वे उसके दोस्त या आसपास के बच्चों को लेकर अपने ही बच्चे को ताना मारते हैं। जबकि ऐसा करना कदापि सही नहीं है। हर बच्चे की अपनी अलग खूबी और क्षमता होती है। आप उनकी तुलना किसी अन्य से कर अपने बच्चे की क्षमता को कम आंकते हैं। यही कारण होता है कि एक समय बाद बच्चे के मन में ये घर कर जाती है कि वे किसी भी क्षेत्र में अच्छा नहीं कर सकता।
बहुत स्लो हो तुम
ऐसे बहुत से माता-पिता होते हैं जो हमेशा अपने बच्चे से यह शिकायत करते हैं कि वे बहुत धीरे-धीरे काम करते है। जबकि एक वयस्क और बच्चे की क्षमता और काम करने का तरीका पूरी तरह अलग होता है। इसलिए आपको कभी अपने बच्चे की धीमी गति को पॉइंट आउट नहीं करना चाहिए। इसके विपरीत आपको उनकी तारीफ करते हुए यह सिखाना चाहिए कि वो कैसे और बेहतर कर सकते हैं।
घर छोड़कर चले जाओ
जब मात-पिता अपने बच्चे की किसी हरकत से परेशान हो जाते हैं तो वे गुस्से में उसे घर से बाहर निकलने या घर छोड़कर चले जाने की बात कह देते हैं। इस छोटी सी बात पर संभव है कि बच्चा रोने लगे या गुस्से में उठकर पास में ही कहीं चला जाए..लेकिन आपके द्वारा कही गई ये बातें बच्चों को गहराई से प्रभावित करती हैं। जब तक वे आपके ऊपर निर्भर हैं तब तक हो सकता है वापिस आ भी जाएं लेकिन थोड़ा बड़ा होने पर बच्चा इस बात को लेकर गंभीर हो जाते हैं और गुस्से में कोई बड़ा कदम भी उठा सकते हैं, जो आपको उम्रभर पछताने के लिए मजबूर कर सकता है।