Akshaya Tritiya 2021: जानिए क्यों मनाया जाता है अक्षय तृतीया, क्या है पूजा विधि, मंत्र और कथा

अक्षय तृतीया साल भर में एक बार मनाए जाने वाला प्रमुख त्योहार है। इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

इस बार अक्षय तृतीया 14 मई 2021 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह तिथि बहुत ही पवित्र मानी जाती है। इस दिन लोग सोने चांदी और अन्य चीजों की खरीदारी करते हैं इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु, परशुराम और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता है और क्या है पूजा विधि, मंत्र और कथा ।

क्यों मनाया जाता है अक्षय तृतीया

पौराणिक कथाओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान् परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम को श्री विष्णु के छठवें अवतार के रूप में माना जाता है। इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से लोग भगवान परशुराम और श्री हरी की पूजा करते हैं और इस दिन की पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।

अक्षय तृतीया पूजा विधि एवं मंत्र

अक्षय तृतीया के दिन सुबह उठकर तैयार होकर भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद सत्तू या चने की दाल अर्पित करें। फिर इसके बाद ‘दीपस्थ देवतायै नमः’ मंत्र बोलते हुए दीप जलाएं और चंदन, श्वेत कमल के पुष्प या श्वेत गुलाब आदि से पूजन करें। इसके बाद अपने घर में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।

अक्षय तृतीया कथा

अक्षय तृतीया की पौराणिक मान्यता है कि महाभारत-काल में जब पाण्डवों को 13 वर्ष का वनवास हो गया तो एक बार ऋषि दुर्वासा पाण्डवों की कुटिया में पधारे। उनका यथोचित सत्कार द्रौपदी ने किया, जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने उन्हें अक्षय-पात्र प्रदान किया और कहा कि आज अक्षय तृतीया है, अतः आज के दिन पृथ्वी पर जो भगवान विष्णु की विधिवत पूजा कर चने का सत्तू, गुड़, ऋतुफल, वस्त्र, जलयुक्त घड़ा तथा दक्षिणा के साथ श्री हरी विष्णु के निमित्त दान करेगा, उसका भण्डार सदैव भरा रहेगा।

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