बांग्‍लादेश की पहली ट्रांसजेंडर ने न्‍यूज एंकर बनकर नई मिसाल कायम की

बांग्‍लादेश की पहली ट्रांसजेंडर न्‍यूज एंकर तश्‍नुवा ने बांग्‍लादेश की आजादी के 50वें वर्ष में जब पहली बार न्‍यूज पढ़ी तो ये पल देश और खुद तश्‍नुवा के लिए यादगार बन गया।

बांग्लादेश ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक ट्रांसजेंडर को पहली बार न्यूज एंकर बनाया है। तश्नुवा आनन शिशिर नाम की इस ट्रांसजेंडर ने बोइशखी टीवी पर 3 मिनिट का बुलेटिन पढ़ा और नई मिसाल कायम की। न्यूज़ प्रेजेंट करने के बाद वो भावुक हो उठीं। उस दौरान वहां मौजूद सहकर्मियों ने तश्नुवा के लिए तालियां बजाई, ये सब देख वह अपने आंसू रोक नहीं पाईं।

कई वर्ष तक यौन हिंसा का शिकार बनी रहीं
29 वर्षीय तश्‍नुवा ने अपने बीते दिनों को याद करते हुए बताया कि उन्‍हें किशोरावस्‍था में इस बात का अंदाजा हुआ था कि उनके अंदर कुछ अजीब है। उनके मुताबिक वो कई वर्ष तक यौन हिंसा का शिकार बनी रहीं। इसलिए उनके मन में कई बार आत्‍महत्‍या का भी ख्‍याल आया। उनके पिता ने उनसे बात करना बंद कर दिया था। वो घर छोड़कर ढाका आ गईं जहां वो अकेली थीं।

माता-पिता ने घर से निकल जाने को कहा
उन्होंने बताया कि एक समय था जब उनके माता-पिता ने ही उन्‍हें घर से निकल जाने को कहा था। वो अपना सामना खुद नहीं कर पा रही थीं। उसी हाल में वो घर से चली गई थीं। वो अपने पड़ोस में खड़ी नहीं हो सकती थीं। पड़ोसी भी कहते थे कि वो किस तरह से एक आदमी की तरह बातें करती हैं।

मास्‍टर डिग्री हासिल करने वाली पहली ट्रांसजेंडर
उन्होंने बताया कि इसके बाद वो नारायणगंज चली गईं। वहां पर उन्‍होंने हारमोन थैरेपी ली और थियेटर में काम करना शुरू किया। अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने सिनेमाघरों में भी नौकरी की। जनवरी में वह ढाका के जेम्स पी ग्रांट स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में सार्वजनिक स्वास्थ्य में मास्टर की पढ़ाई करने वाली पहली ट्रांसजेंडर बनीं।

ढाई माह पहले ऑडिशन के लिए बुलाया था
उन्‍होंने बताया कि बोएशाखी टीवी ने उन्‍हें करीब ढाई माह पहले ऑडिशन के लिए बुलाया था और वहीं से इस सफर की शुरुआत हुई। उन्‍हें लगा कि इस काम में मुझे कोई दिक्‍कत नहीं होगी। उनके मुताबिक साफ उच्‍चारण की वजह से इस काम के लिए उन्‍हें चुना गया।

न तो कोई पढ़ाई की और न ही इसका कोई तजुर्बा
हालांकि उनकी पढ़ाई की बात करें तो उन्‍होंने न तो इसकी कोई पढ़ाई की है और न ही इसका कोई तजुर्बा उनके पास था। उन्‍होंने कई दूसरे चैनल से भी बात की थी। लेकिन ज्‍यादातर ने उन्‍हें नजरअंदाज किया और कुछ ने उन्‍हें ऑडिशन के लिए बुलाया। उनका मानना है कि जिन्‍होंने उन्‍हें नहीं बुलाया वो कहीं न कहीं इस फैसले को लेकर हिम्‍मत नहीं जुटा सके उन्‍हें लिया जाए।

पहली बार ट्रांसजेंडर ने समाचार बुलेटिन पेश किया
बोइशखी टीवी के हेड ने बताया कि दो ट्रांसजेंडर महिलाओं को चैनल की न्यूज और नाटक के लिए नियुक्त किया गया है। ये पहली बार है जब देश के लोगों ने एक ट्रांसजेंडर महिला को समाचार बुलेटिन पेश करते देखा है, इससे बांग्लादेश में हजारों ट्रांसजेंडरों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। एंकरिंग के अनुभव को लेकर तश्नुवा आनन शिशिर ने कहा मैं अंदर से कांप रही थी।

हर किसी को उनकी काबलियत के हिसाब से काम मिले
तश्‍नुवा ने कहा है कि वो नहीं चाहती हैं कि किसी भी ट्रांसजेंडर को समाज की बनाई मुश्किलों को झेलना पड़े। वो चाहती हैं कि हर किसी को उनकी काबलियत के हिसाब से काम मिले और वो भी समाज में ऊंचा सम्‍मान पा सकें। उन्‍होंने बताया कि बुलेटिन खत्‍म होने के बाद स्‍टूडियो में मौजूद लोगों ने तालियां बजाई और उन्‍हें बधाई दी। वहां मौजूद अन्‍य महिला साथियों ने उन्‍हें गले लगाकर मुबारकबाद दी तो उनकी आंखें भर आईं।

ट्रांसजेंडरों की राह हुई आसान
बांग्लादेश में आधिकारिक तौर पर 10,000 से ज्यादा ट्रांसजेंडर लोग हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि वास्तविक संख्या बहुत ज्यादा है। साथ ही बताया कि ट्रांसजेंडरों को सामाजिक अलगाव, यौन शोषण और उत्पीड़न के अन्य रूपों का सामना करना पड़ता है। इनके लिए रोजगार पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन साल 2013 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने ट्रांसजेंडर लोगों को एक अलग लिंग के रूप में पहचान करने की अनुमति दी थी, जिसके बाद उन्हें साल 2018 में मतदान का अधिकार दिया गया। वहीं बोईशाखी टीवी ने ट्रांसजेंडर को नौकरी देकर बदलाव की राह पर एक और कदम बढ़ाया है।

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