Insomnia: आखिर क्यों नहीं आती रातभर नींद? जानिए क्या है वजह

कभी-कभार नींद न आना सामान्य है लेकिन अगर आपको हमेशा ही नींद आने में मुश्किल आती है, तो आपको सचेत हो जाना चाहिए, क्योंकि यह सेहत के लिए खतरनाक है.

अच्छी सेहत के लिए सिर्फ अच्छा खाना-पीना और एक्सरसाइज ही नहीं बल्कि अच्छी नींद भी उतनी ही जरुरी है. पर आजकल की बिजी लाइफस्टाइल में ऐसा होता नहीं है. तनाव इस कदर बढ़ गया है कि, मानो जीना ही भूल गए हैं. बढ़ते तनाव के बीच नींद कहीं खोती चली जा रही है. आजकल लोग सोते कम जागते ज्यादा हैं.कई बार लंबे समय तक सही प्रकार से नींद ना लेने के कारण सेहत को कई नुकसान उठाने पड़ते है. काफी लोग अनिद्रा यानी इनसोम्निया के कारण डिप्रेशन और स्ट्रेस से ग्रसित होते जा रहे हैं.

नींद ना आने की आखिर क्या है वजह?

रिसर्च के अनुसार नींद ना आने के पीछे सबसे आम वजह तनाव होती है. तनाव होने पर शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जोकि एक स्ट्रेस हार्मोन है. इसके कारण शरीर आराम की स्थिति में नहीं रह पाता और ब्रेन एक्टिव रहता है, जिससे नींद आना मुश्किल हो जाता है.

  • स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसके कारण या तो नींद पूरी नहीं होती या पूरी नींद के बाद भी आप थका-थका महसूस करते हैं.
  • रिसर्च बताते हैं कि क्रॉनिक डिहाइड्रेशन भी नींद ना आने की वजह बन सकती है. मतलब दिनभर उचित मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन ना करना भी नींद ना आने का कारण है.

  • इन्सोम्निया एक ऐसा स्लीप डिसऑर्डर है, जो आपको रात में नींद ना आने और दिनभर थका हुआ महसूस करने का कारण हो सकता है.
  • कैफीन के अधिक सेवन से नींद पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाती है. यह हमारे शरीर में एड्रिनल हॉरमोन को बढ़ाता है,जिससे हम दोबारा एक्टिव और एनर्जेटिक हो जाते हैं. इसलिए चाय-कॉफी का सेवन कम करें.

  • दिनभर बैठे रहकर काम करना भी आपकी नींद को प्रभावित करता है.जिसके कारण आप दिनभर सुस्त और थकान महसूस करते हैं.
  • आज के समय मोबाइल फोन को अनदेखा नहीं किया जा सकता। पर ये बात भी सच है कि बहुत देर तक मोबाइल फोन देखने से रात में नींद कम आती है और फिर सारा दिन थकान महसूस होती है.

  • अध्ययनों के अनुसार, रात में व्यायाम करने से आपकी हार्ट रेट पर बुरा असर पड़ता है, जो आपकी स्लीप साइकिल को डिस्टर्ब करने का मुख्य कारण है।
  • रात में वर्कआउट करने से स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं और अगर आप जिम में वर्कआउट कर रहे हैं, तो यहां चमकने वाली तेज रोशनी मेलाटोनिन यानी स्लीप हार्मोन को बनने से रोकती है, जिससे आप सो नहीं पाते.

  • स्वस्थ नींद के लिए आरामदायक वातावरण जरूरी है पर कमरे का तापमान भी आपकी नींद को डिस्टर्ब करता है। इसलिए ध्यान रखें कि आपके बेडरूम का तापमान सामान्य रहे, ताकि आप गहरी नींद ले पाएं.
  • सोते समय स्नैकिंग आपकी नींद के हार्मोन का उत्पादन करने की क्षमता को बदल सकता है, जिस वजह से नींद तो टूटती ही है साथ ही ध्यान भी भटक जाता है.

Related Articles

Back to top button